Weight Loss Medicines Side Effects In Hindi: आजकल बाजार में कई तरह की वजन कम करने वाली दवाएं आ गई हैं। इन दवाओं में वेगोवी, ओज़ेम्पिक और मौंजारो आदि जैसी मोटापा कम करने वाली दवाएं शामिल हैं। इन दवाओं को वेट लॉस के लिए काफी प्रभावी माना जा रहा है। साथ ही इनके कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी अध्ययनों में पाए गए हैं। ये दवाएं दवाएं दिल की सेहत को दुरुस्त करने और डिमेंशिया जैसी मानसिक बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद कर सकती हैं। हाल ही में कुछ ऐसी खबरें भी सामने आई थीं कि कुछ सेलिब्रिटीज ने भी मोटापा कम करने के लिए इन दवाओं का इस्तेमाल किया है, हालांकि उन्होंने इन बातों से साफ इनकार किया था।
भले ही मोटापा कम करने वाली दवाएं वेट या फैट लॉस में मदद कर सकती हैं, या कुछ अन्य लाभ भी प्रदान कर सकती हैं। लेकिन जैसी कि हम सभी जानते हैं, दवाओं के कुछ नुकसान भी होते हैं। हाल ही, में हुए अध्ययन में यह मोटापा कम करने वाली दवाओं के दुष्प्रभाव सामने आए हैं। अध्ययन में यह पाया गया है कि मोटापा कम करने की दवाओं से वेट लॉस के साथ हड्डियां और मसल्स भी लॉस हो सकती हैं।
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मोटापा कम करने वाली दवाओं के हैं कई फायदे – Weight Loss Medicines Benefits In Hindi
अध्ययनों में यह पाया गया है कि वजन घटाने के लिए प्रयोग की जाने वाली कुछ आम दवाएं जैसे वेगोवी, ओज़ेम्पिक, मौंजारो वजन घटाने के साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हो सकती हैं। ये लोगों में डिमेंशिया के जोखिम को कम करके शराब की लत भी छुड़ा सकती हैं, साथ ही दिल और किडनी की बीमारियों के खतरे को कम कर सकती हैं।
इनकी मदद से जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। मोटापे से ग्रस्त लोगों के क्लीनिकल परीक्षणों में जीएलपी-1 आधारित दवाएं जैसे कि सेमाग्लूटाइड और टिर्जेपेटाइड लेने वाले लोगों में 20% तक वजन की कमी देखी गई है।

मांसपेशियां भी होती लॉस
द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी में यह बताया गया है, मोटापा कम करने वाली दवाएं लेने वाले लोगों में चर्बी के साथ-साथ मांसपेशियां भी कम होने लगती हैं। 36-72 सप्ताह में कम हुए कुल वजन का 25% से 39% तक मसल लॉस होता है। हालांकि, मसल लॉस के लिए मुख्य रूप से घटाए गए वजन की कुल मात्रा को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
वहीं डायबिटीज, ओबेसिटी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक अन्य शोध में यह पाया गया है कि दवाओं से हुए कुल वेट लॉस में लीन मसल्स में 40% से 60% तक की कमी आती है। लेकिन कई अध्ययनों की समीक्षा से पता चलता है कि लीन मसल्स 15% या उससे कम लॉस होती हैं।
हड्डियां होती हैं कमजोर
अध्ययनों के निष्कर्ष बताते हैं कि वेट लॉस की दवाओं से जो वेट लॉस होता है, उसमें मसल लॉस के साथ ही आपकी हड्डियों पर भी प्रभाव पड़ता है। प्रतिभागियों में बोन मास की कमी देखी गई है। यह स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। मांसपेशियों और हड्डियों के मास में कमी आने से गिरने पर फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है।
मेटाबॉलिज्म होता प्रभावित
जब शरीर में मांसपेशियां कम होने लगती हैं, तो यह हमारे मेटाबॉलिज्म को धीमा बनाने में योगदान देता है। इसकी वजह से कई मेटाबॉलिक रोगों का खतरा काफी बढ़ जाता है। ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने में मांसपेशियों की अहम भूमिका होती है।
मांसपेसियशियों की कमी टाइप 2 डायबिटीज, अंधापन, नर्व डैमेज, पैरों में छाले के अल्सर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर जटिलताएं के जोखिम को बढ़ाने में योगदान दे सकती हैं।
दवाओं से मोटापा कम कर रहे हैं तो हड्डियों और मांसपेशियों को ऐसे रखें दुरुस्त
अध्ययन यह सुझाव देते हैं कि मोटापा कम करने के लिए वजन घटाने वाली दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं, तो आपको अपनी हड्डियों और मांसपेशियों को दुरुस्त रखने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। आपको हेल्दी और बैलेंस डाइट लेनी चाहिए। आपकी डाइट में पर्याप्त प्रोटीन जरूर शामिल होना चाहिए।
इसके साथ ही यह कोशिश करें कि आप एक्सरसाइज भी करें। मसल्स को स्ट्रांग बनाने के लिए वेट या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से बहुत फायदा मिलता है। इसके अलावा, हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए किसी हेल्थ एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह से विटामिन डी और कैल्शियम आदि जैसे सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।
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डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। इसे किसी पेशेवर चिकित्सक की सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता है। लेख की सटीकता और वास्तविकता को सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास किया गया है, लेकिन PoshanKey.com इसकी नैतिक जिम्मेदार नहीं लेता है। स्वास्थ्य, डाइट, लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज से जुड़ी किसी भी टिप्स या सलाह को फॉलो करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।