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GBS बीमारी क्या है? इसके लक्षण, कारण और इलाज क्या हैं, यहां जानें गिलियन बैरे सिंड्रोम से जुड़े सभी सवालों के जवाब

Guillain-Barré Syndrome, Causes, Symptoms, Treatment and Recovery

Guillain-Barré Syndrome, Causes, Symptoms, Treatment and Recovery in India: हाल ही में भारत में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS) के मामलों में अचानक वृद्धि देखने को मिल रही है, खासकर महाराष्ट्र के पुणे में, जहां अब तक 100 से अधिक लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं और कुछ को वेंटिलेटर सपोर्ट की भी जरूरत पड़ी है। ETV Bharat की रिपोर्ट के अनुसार, इस दुर्लभ बीमारी से एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है, जिससे यह स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

GBS कोई संक्रामक बीमारी नहीं है, यानी यह एक व्यक्ति से दूसरे को नहीं फैलता। यह आमतौर पर किसी वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद विकसित हो सकता है। इसका प्रभाव इतना गंभीर हो सकता है कि व्यक्ति के हाथ-पैर सुन्नचलने में दिक्कत, और सांस लेने में परेशानी हो सकती है। मायो क्लिनिक (Mayo Clinic) के अनुसार, कुछ मामलों में मरीज को आईसीयू (ICU) और वेंटिलेटर सपोर्ट तक की जरूरत पड़ सकती है।


गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) क्या है? – What Is Guillian Barre Syndrome In Hindi

गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक ऑटोइम्यून न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम गलती से अपने परिधीय नसों (Peripheral Nervous System) पर हमला कर देती है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक(NINDS) के अनुसार, इस स्थिति में नसों के चारों ओर की मायलिन शीथ (Myelin Sheath) क्षतिग्रस्त हो जाती है, जिससे संदेशों का संचार धीमा हो जाता है, और मांसपेशियों में कमजोरी व झुनझुनी महसूस होती है।


GBS के लक्षण (Symptoms of GBS In Hindi)

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, GBS के लक्षण कुछ दिनों या हफ्तों में बढ़ सकते हैं और इसमें शामिल हो सकते हैं:

  1. हाथ-पैरों में झुनझुनी और सुन्नता – यह बीमारी की पहली निशानी होती है।
  2. मांसपेशियों में कमजोरी – यह पैरों से शुरू होती है और धीरे-धीरे ऊपरी शरीर तक फैल सकती है।
  3. चलने और संतुलन बनाने में दिक्कत – शरीर में ताकत की कमी महसूस हो सकती है।
  4. चेहरे की मांसपेशियों पर असर – बोलने, चबाने और निगलने में कठिनाई हो सकती है।
  5. सांस लेने में परेशानी – गंभीर मामलों में श्वसन मांसपेशियां भी प्रभावित हो सकती हैं, जिससे वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है।
  6. हृदय गति और ब्लड प्रेशर में बदलाव – कुछ मरीजों को अनियमित हृदय गति और ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।

GBS का मुख्य कारण क्या है? (Main Cause of GBS In Hindi)

GBS का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन यह आमतौर पर किसी वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन के बाद विकसित होता है।

संभावित कारण:

  • कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया – विश्व स्वास्थ्य संगठन  (WHO) के अनुसार, यह बैक्टीरिया अधपके मांस और दूषित पानी में पाया जाता है और GBS के सबसे आम कारणों में से एक है।
  • वायरल संक्रमण – जैसे इन्फ्लुएंजा (Flu), कोविड-19, डेंगू, जीका वायरस आदि।
  • टीकाकरण या सर्जरी – दुर्लभ मामलों में, किसी टीके या ऑपरेशन के बाद भी GBS हो सकता है।

GBS कितने दिन में ठीक होता है? (How Long Does GBS Take to Recover?)

जॉन हॉपकिंस मेडिसिन (Johns Hopkins Medicine) के अनुसार:

  • हल्के मामलों में – 3 से 6 हफ्तों में सुधार हो सकता है।
  • गंभीर मामलों में – 6 महीने से 1 साल तक पूरी तरह ठीक होने में लग सकता है।
  • 80% मरीज 6 महीनों में फिर से चलने लगते हैं

गिलियन-बैरे सिंड्रोम का इलाज (Best Treatment for GBS In Hindi)

GBS का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन कुछ उपचार रिकवरी को तेज करने में मदद कर सकते हैं:

1. प्लाज्मा एक्सचेंज (Plasmapheresis)

  • इस प्रक्रिया में ब्लड से हानिकारक एंटीबॉडी हटाई जाती हैं
  • इससे लक्षणों में सुधार हो सकता है।(Source: Harvard Medical School)

2. इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी (IVIG)

  • मरीज को इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करने के लिए एंटीबॉडी इंजेक्ट की जाती हैं।

3. फिजियोथेरेपी और रिहैबिलिटेशन

  • ताकत और मूवमेंट वापस लाने के लिए फिजियोथेरेपी जरूरी होती है

GBS को रोकने के लिए क्या करें? (How to Prevent GBS In Hindi)

हालांकि, GBS को पूरी तरह से रोकना संभव नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियां बरतकर जोखिम को कम किया जा सकता है:

हाथों की नियमित सफाई करें
अधपका मांस और दूषित पानी न पिएं
संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण कराएं


क्या GBS दोबारा हो सकता है? (Can GBS Recur After Treatment In Hindi)

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक(NINDS) के अनुसार:

  • GBS के 97% मामलों में दोबारा नहीं होता
  • 3% मामलों में लक्षण दोबारा उभर सकते हैं, खासकर अगर इम्यून सिस्टम कमजोर हो।

 

निष्कर्ष (Conclusion)

GBS एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है, जिसका सही समय पर इलाज होने पर अधिकांश मरीज पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। अगर आपको झुनझुनी, कमजोरी, या सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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Image Source: Istock

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